एक अंधे की कहानी || हिंदी कहानियां || hindi Story 2025 , Hindi kahaniya
एक अंधे की कहानी जरूर सुने
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह जन्म से ही अंधा था, लेकिन उसकी इच्छा शक्ति बहुत मजबूत थी। गाँव के लोग उसकी ईमानदारी और मेहनत की बहुत तारीफ करते थे। हालाँकि उसकी आँखों की रोशनी नहीं थी, लेकिन उसने कभी भी अपनी इस कमी को अपने जीवन में बाधा नहीं बनने दिया।
रामू के माता-पिता बचपन में ही गुजर गए थे, इसलिए उसने अपना जीवन दूसरों के सहारे के बिना जीने की ठानी। वह रोज़ सुबह उठकर भगवान का नाम लेता और फिर अपनी लाठी लेकर गाँव में घूमता। शुरू में वह भीख माँगता था, लेकिन उसे यह तरीका पसंद नहीं आया। वह अपनी मेहनत से पेट पालना चाहता था।
मेहनत की राह
रामू को खाना बनाने में रुचि थी। उसकी सूंघने और स्वाद पहचानने की शक्ति इतनी तेज़ थी कि वह बिना देखे भी बेहतरीन खाना बना सकता था। गाँव के एक दयालु व्यक्ति ने उसे एक छोटी-सी जगह दी, जहाँ उसने एक छोटी खानपान की दुकान खोल ली।
धीरे-धीरे उसकी दुकान चलने लगी। उसकी बनाई हुई रोटियाँ नरम और स्वादिष्ट होती थीं, और उसकी दाल-सब्जी का स्वाद गाँव वालों को बहुत पसंद आता था। जो लोग पहले उसे अंधा समझकर उपेक्षा करते थे, वही अब उसकी तारीफ करने लगे।
ईमानदारी की पहचान
एक दिन गाँव का एक धनी व्यापारी उसकी दुकान पर खाना खाने आया। उसने सोचा कि रामू अंधा है, तो वह उसे कम पैसे देकर चला जाएगा और रामू को पता भी नहीं चलेगा। व्यापारी ने खाने के पैसे कम दिए और जाने लगा।
रामू ने तुरंत मुस्कराते हुए कहा, "सेठ जी, लगता है गलती से आपने पैसे कम दिए हैं।"
सेठ चौंक गया और बोला, "तुम तो देख नहीं सकते, फिर तुम्हें कैसे पता चला?"
रामू ने हंसते हुए जवाब दिया, "भगवान ने मेरी आँखें नहीं दीं, लेकिन कान और स्पर्श की शक्ति बहुत तेज़ दी है। मैं सिक्कों की आवाज़ और वजन से पहचान सकता हूँ कि कितने पैसे हैं।"
सेठ को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने रामू को पूरे पैसे दे दिए। उसने रामू की ईमानदारी और बुद्धिमानी की प्रशंसा की और उसकी मदद करने का निश्चय किया।
सम्मान और सफलता
रामू की मेहनत और ईमानदारी के कारण उसकी दुकान बहुत प्रसिद्ध हो गई। गाँव के लोग उसका सम्मान करने लगे। कई लोग उससे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में संघर्ष और मेहनत की राह पर चलने लगे।
रामू की यह कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी कमी हमारी सफलता के रास्ते में रुकावट नहीं बन सकती। अगर हमारे अंदर आत्मविश्वास, ईमानदारी और मेहनत की शक्ति हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
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